Civil Services vs. Research
Civil Services और Research में, हो रहा है युद्ध घनघोर! बिशाल बेचारा समझ न पाये, जाना है किस ओर! Research के तरफ से जहाँ, सुख-चैन की माया है! Civil -services के शिविर में, रास्ट्रीयता व् धर्म की छाया है!! छोड़ शिविर उस मोहिनी (Research ) का, Civil -services को आया है! रास्ट्र-कल्याण के कारण हेतु, योगी का भेष अपनाया है!! सफलता की सावन बरसा, Research कौतुहल मन को भींच रही है! Easy life के सपने दिखा, बेदर्दी से, अपनी ओर खिंच रही है!! इस खिंचा-तानी के क्रम में, आया है ऐसा असमंजस का मोड़! की, बिशाल बेचारा समझ न पाये, जाना है किस ओर!! आखिर जाना है किस ओर!!