पहला प्यार

मिली वो अनजान राहों पे, डुबो गयी अपनी यादों में! जाने क्या है ऐसा जादू किया, मरू में ऊपवन का आभास दिया! हरियाली सी है छाने लगी, हरपल याद उसी की आने लगी! डूब जाता हूँ उसकी ख्यालों में, मदिरा बहती है नैनन के प्यालों में! वो नयनें हैं या मधुशाला, पागल है जीसने कर डाला! नींद चुरायी, चैन चुराया, उसके चेहरे के संवेदन से, बेचारा ये दिल घबराया! जब जब बहती है पुरवाई, दे जाती है हमें तन्हाई! उसके छुवन ने है ये रोग लगायी, शायद यही है प्यार की अगुवाई!