राखी
उमड़ा भाई-बहन का प्यार, आया राखी का त्यौहार! गाँठो पे गाँठ जुड़ेगा आज, कहलाता यह रिश्तों का ताज!! बहना ने आशीर्वादों से, राखी का थाल सजाया है! कपूर की लौ की भाँती, उजियारा मन में छाया है!! पूर्णिमा सी श्वेत हृदय से, कुमकुम-चावल का चन्दन! लगकर भाई के ललाट पे, करते वैभव का अभिनन्दन!! अक्षत- पवित्र-करुणामयी, कच्चा धागा बाँधी हो! रक्षा करते हैं हर क्षण, चाहे तूफान या आंधी हो! भाव-विभोर हो आज विशाल, जोड़ा है, वचनों का तार! रक्षा में तेरी ओ बहना, जीवन भी देंगे हम वार!! जीवन भी देंगे हम वार.... जीवन भी देंगे हम वार....