अभिलाषा


जब झील सी सिमटी, छवि निराली,
व्याकुल करती मेरी जिज्ञासा!
चौकस करता अंतर्मन मेरा,
क्या यही है तेरी अभिलाषा!!

दीप बनोगे मानवता का,
कुछ ऐसा था तुमने ठाना!
चाहा कब था आपदा के,
इन भवंरों को गले लगाना!!

जिन हाथों ने तुझको थामा,
व् जीवनपथ के आलम्ब बनें!
छोड़ न जाऊँ उनको प्यासा,
कुछ ऐसे थी तेरी अभिलाषा!!

जीवन एक मिला है साकी,
रूककर व्यर्थ गवाओं न!
इस भाग-दौड़ की दुनिया में,
अपनों से साथ छुडाओ न!

जब निष्प्रभ हो याद कर लेना,
उन बेबस नयनों की आशा!
क्षणिक सुखों की बलि चढाकर,
चल पूरी कर अपनी अभिलाषा!

Comments

  1. you are a great poet bishal.. keep it up!!!!

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  2. tu to kapdo ki terah gals bhi change kar raha hai :O..
    ab ye bata ye ABHILASHA kaun hai???

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  3. @ Shyam and Abhishek. thank you

    @Shushil
    "तेरी है व मेरी भी,
    हम सब के जीवन की भाषा!
    उम्र के इस लम्बे सफ़र में,
    पथ की ज्योत होती अभिलाषा!!"

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  4. प्रिय बन्धु
    खुशामदीद
    स्वागतम
    हमारी बिरादरी में शामिल होने पर बधाई
    मेरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि आज हमारे समाज का शैक्षिक पतन उरूज पर है पढना तो जैसे लोग भूल चुके हैं और जब तक आप पढेंगे नहीं, आप अच्छा लिख भी नहीं पाएंगे अतः सिर्फ एक निवेदन --अगर आप एक घंटा ब्लॉग पर लिखाई करिए तो दो घंटे ब्लागों की पढाई भी करिए .शुभकामनाये
    अंधियारा गहन जरूरत है
    घर-घर में दीप जलाने की
    जय हिंद

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  5. जीवन एक मिला है साकी,
    रूककर व्यर्थ गवाओं न!
    इस भाग-दौड़ की दुनिया में,
    अपनों से साथ छुडाओ न!waah...

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  6. aapki bolti kalam ki avaz logon dil tak pahunchti hai.anubhuti ki abhivyakti vastutah sahaj nahi hai lekin aapki kalam ki samarthya prashasaneey hai. aapki lekhni aur aap nitya-nirantar samarthyavaan hote rahen.likhte rahen.
    shubhkaamnayen!-Shivi :-)

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  7. aapki lekhni ne asahaj abhivyakti ko nitaant sahaj banaya hai

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  8. इस हौसला अफजाई के लिये आपसभी को कोटि कोटि धन्यवाद! जैसे की अल्का जी ने नोटिस किया, मेरी हिंदी व्याकरण में कमजोरियों की वजह से आपको ढेर सारी अशुद्धियों मिलेंगी, जिसे आगाह कराने के लिये मैं आपका हमेशा आभारी रहूँगा!

    @ अल्का जी
    आपके सुझाव बहुत अच्छी लगी जिसके लिये मैं शुक्रगुजार हूँ! अब मैं हिंदी लेखनी के साथ-साथ पढने पे भी कुछ समय देने की कोशिश करूँगा! आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की कृपया मेरे रचनाओं पे अपने सुझाव देते रहें!

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  9. हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं ............
    इधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

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  10. ब्लोग जगत मे आपका स्वागत है। सुन्दर रचना। मेरे ब्लोग ्पर पधारे।

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  11. अच्छा लिखा है , शानदार लेखन के लिए धन्यवाद ।

    मयूर दुबे
    अपनी अपनी डगर

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  12. very beautifully written. really inspirational !!!

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