श्रद्धांजलि- श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी

एक और जीवन की गौरव-गाथा,
सबके मुख की सार हुई है !
भारत माँ के इक लाल की,
फिर से आज जयकार हुई है !!

इनके चित्र और शब्दों का,
सबने है सोशल प्रोफाइल बनाया !
भाव-भंगिमा में आकर, उन्हें
माँ भारती का लाल बताया !!

ये सब कहाँ थे, जब साँसे इनकी,
वृद्ध-व्याधि से हार रही थी !
देख दशा इस लाल की,
जब माँ भारती चीत्कार रही थी !!

आज मृत शरीर पे फूल बरसा,
लोग झांकी लेकर घूम रहे हैं !
इनके वचनों की जय-जयकार,
आसमां को चूम रहे हैं !!

मातृ-सेवा का व्रतधारी,
पौरुषता का मिशाल बना जो !
जीवन की लौ में तप-तपाकर,
माँ भारती की ढाल बना जो !!

उस कालजयी शिखर पुरुष की,
सच्ची श्रद्धांजलि क्या होगी ?
चलो दो पल विचार करें हम,
जो अंतरात्मा आवाज लगाए,
उसे आज स्वीकार करें हम !!


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