वतन की याद

हमें याद आती है, अब भी वतन की!
उस नीले गगन की, व् प्यारे चमन की!!

वो मम्मी की यादें, वो पापा की बातें!
वो संगीन लम्हें, वो दिन और रातें!

वो दोस्तों संग रहना, लड़ना-झगड़ना!
फिर साथ-साथ मिल के, हँसना-हँसाना!!

गुजर गया वो, रंगीन जमाना!
सोंधी मिट्टी की खुशबू, व् भोजपुरी गाना!!

वो मक्के की रोटी, वो आलू की सब्जी!
वो लिट्टी व् चोखा, याद आता है अब भी!!

वो होली की यादें, दिवाली की रातें!
लगता है बिछड़ गयीं, सारी कायनातें!!

याद आती है हमको, हरएक कण-कण की!
हमें याद आती है............................
उस नीले गगन की..........................

Comments

Popular posts from this blog

आधुनिक शिवपूजा- एक पाप

अभिलाषा

1. मरहम एक टूटे दिल का (for boys)