दादी का त्यौहार दादा का प्यार (करवाचौथ special)
ये करवाचौथ है फिर से आया,
संग प्यार का नया सौगात है लाया!
तेरे व्रत की आरती, स्पर्श चन्दन के,
नए गाँठ जोड़ते, अपने बंधन के!!
वो करवाचौथ की पहली साल,
जब तुझे देख मैं हुआ निहाल!
दुल्हन सी सजी, तब तू आगन में, चाँद देखने आयी थी,
तुझे देखकर चंदा भी, अपनी चांदनी पे इतरायी थी!!
कहने को अब है उमर ढली,
पर तू आज भी लगती वही कली!
मेरी जान है तू, अभिमान है तू,
मेरी धड़कन की पहचान है तू!!
तेरे दम पे ही चलता हूँ,
तेरे साँसों से-ही साँसे भरता हूँ!
तुने सालों-साल तक साथ निभाया,
धन्य हुआ जो तुझको पाया!!
तेरे बिन जीना न गवांरा है,
इस बुढ़ापे की इक तू ही सहारा है!
इस बुढ़ापे की इक तू ही सहारा है....!!
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